Wednesday, 13 April 2016

पानीपत पहला और दूसरा युद्ध


पानीपत का प्रथम युद्ध पानीपत हरयाणा मे 21 अप्रैल 1526 को हुआ था ये युद्ध मुगल साम्राज्य का उत्तर भारत मे पेहला और सबसे बड़ा युद्ध था इस का मुख्य कारण मुगलों का दिल्ली सल्तनत पर कब्जा करना था ये युद्ध मुगलों और दिल्ली सल्तनत के बिच हुआ था मुगलों की तरफ से सेना नायक बाबर थे और दिल्ली सल्तनत की तरफ से इब्रहीम लोधी थे इस युद्ध मे हाथी और तौफौ का उपयोग भी किया था लेकिन दिल्ली सल्तनत पर मुगलों की सेना भारी परी यानी मुगलों का दिल्ली सल्तनत पर कब्जा हो गया यही से मुगल साम्राज्य की शुरुवात हुई और धीरे धीरे मुगलों ने पूरे उत्तर भारत पर कब्जा कर लिया इस युद्ध के बाद मुगलों ने पूरे उत्तर भारत को अपने कब्जे मे करने के लिये कई युद्ध लड़े और जीत भी हांसिल की मुगलों का ये सिलसिला बाबर से शुरू होकर औरेँग्जेब तक रहा इस बिच कई प्रकार के स्मारक मुगलों ने बनवाये जो की मुगलों की एक पेह्चान है जेसे लाल किला कूतूम्ब मीनार बुलंद दरवाजा ताज महेल जो की मुगलों के बादशाहओ  ने बन वाये थे आज इन्ही स्मारक को देखने के लिये दुनिया भर  से लोग देखने के लिये आते है बाबर एक महान बादशाह था बाबर के बाद उनके बेटे हुंमायू आये जीनोने बाबर के बाद उत्तर भारत मे राज किया उसके बाद अकबर आये थे जीनोने कई युद्ध लड़े अकबर ने एक हिंदू परिवार के घर की लड़की से शादी की थी जिस काराण उन्हे हिंदूओ  के लोगो से प्यार था  इनके बाद जहांगीर आये थे जीनोने अपने महेल के बाहर सोने की जंजीर लगवाई थी इनके बाद शाह जहाँ आये ईनोने आगरा मे ताज महेल बनवाया था इनके बाद औरेँग्जेब आये थे इस प्रकार मुगलों ने उत्तर भारत पर राज किया।


पानीपत का युद्ध 5 नॉबम्बर  1556 पानीपत हरयाणा मे हुआ था ये युद्ध मुगल साम्राज्य अकबर और हिंदू शासक हेमू के बिच हुआ था अकबर की तरफ से बेरम खा सेनानायक थे और हेमू की सेना बहुत मजबूत थी हेमू के पास हजारो हाथी और तोपें थी फ़िर भी हेमू की सेना बेरम खाँ की सेना को हरा नही पाई मुगल सेनिकों ने हेमू के सेनिकों को मार गिराया कूछ सेनिक युद्ध छोड़ कर ही भाग गये जिस कारण से मुगलों की सेनाओं ने हेमू को पकड़ लिया और उसका सिर काट दिया और उसके सिर को बिच शहर मे लटका दिया जिस से लोग डरने लगे मुगलों का अत्याचार यही तक समाप्त नही हुआ उनौने हेमू के सभी साथियों को डुना और सभी को मौत के घाट उतार दिया इस युद्ध से काफी लोग कांप उटे इस युद्ध ने मुगलों के लिये कई सारे रास्ते खोल दिये जो की मुगलों को परेशान करते है मुगल का ये युद्ध यही तक ख़त्म नही हुआ पानीपत मे तीसरा भी युद्ध लड़ा गया था

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